समस्त नक्षत्रों की सम्पूर्ण वैदिक ज्योतिष आधारित जानकारी
नक्षत्र विवेचन नक्षत्र भारतीय पंचांग ( तिथि, वार, नक्षत्र, योग तथा करण) का तीसरा अंग है। ‘न क्षरतीति नक्षत्राणि अर्थात् जिनका क्षरण नहीं होता, वे ‘नक्षत्र’ होते हैं। नक्षत्र सदैव अपने स्थानपर ही रहते हैं जबकि ग्रह नक्षत्रों में संचार करते हैं। नक्षत्रोंकी संख्या प्राचीन कालमें 24 थी, जो कि आजकल 27 है मुहूर्तज्योतिष में […]