गुरु १४ मई २०२५ को मिथुन राशि में जायेंगे और २ जून २०२६ तक वहीँ रहेंगे बीच में आगे भी जाके वापस आयेंगे वक्री भी होंगे जैसे की चलता रहता है | यह कुछ भी नया अनूठा अद्भुत अजूबा नहीं होने जा रहा है बल्कि यह गृह गोचर हमेशा ही होते रहते हैं और आपको इनसे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है | मिथुन राशि में तीन नक्षत्र होते हैं जो कि मृगशिरा आर्द्रा और पुनर्वसु हैं जिनके स्वामी मंगल राहू और गुरु होते हैं| मृगशिरा ६ डिग्री ४० मिनिट आर्द्रा १३ डिग्री २० मिनिट और पुनर्वसु १० डिग्री का रहता है| ११ नवम्बर २०२५ को गुरु वक्री होंगे और ११ मार्च २०२६ को मार्गी हो जायेंगे |  अब हम सभी १२ लग्नों के लिए क्या फल होगा उसकी बात कर लेते हैं –

आचार्य रमन से बात कीजिये 

मेष लग्न के जातकों के लिए जब गुरु मिथुन में जायेंगे तो मंगल कर्क में होगा राहू कुछ ही दिन में कुम्भ में आ जाएगा और गुरु तो मिथुन में है | इस गोचर से आपको अपने घर में कुछ रिपेयर करने या कुछ नया बनवाने की सोच मिल सकती है, अगर आप कहीं बाहर नौकरी आदि करते हैं तो घर वापस आने के योग अधिक बन सकते हैं , नया वाहन लेने का विचार भी आपके मन में आ सकता है माता के प्रति आपके उत्तरदायित्वों का अधिक निर्वहन आप इस समय में कर सकते हैं| जब गुरु राहू के नक्षत्र में होंगे तब राहू आपके लाभ भाव में स्थित हो चुका होगा अतः यह आपके लिए शुभ समय होगा और आपके कार्य अनायास ही बनते जायेंगे | मित्रों से लाभ मिल सकता है | पुराने दोस्तों से मिलना जुलना हो सकता है | किसी समिति आदि के आप सदस्य बन सकते हैं अथवा उसको ज्वाइन कर सकते हैं | कुल मिलाकर यह एक फायदे का समय होने जा रहा है | इसके बाद गुरु अपने ही नक्षत्र में होंगे तो आपको ३-९-१२ की कड़ी जुड़ जायेगी जिस से आपके विदेश जाने का मार्ग प्रशस्त होगा और अगर आपकी निजी कुंडली में इस तरह का कुछ योग बन रहा है तो इस समय में आप विदेश जाने वाले हैं | हमेशा ध्यान रखिये कि जो भी आपकी निजी कुंडली के संकेत हैं उन से आगे यह गोचर नहीं जा सकता |

कुंडली मिलान रिपोर्ट लीजिये 

वृषभ: गुरु ८-११ का स्वामी होकर धन भाव में स्थित है | मंगल तृतीय में है और आगे ही जाएगा तथा राहू शीघ्र ही दशम में आ जाएगा – अतः आपके लिए यह गोचर धन प्रदान करने की क्षमता रखता है किन्तु बहुत अधिक नहीं | आपकी यात्रा भी यह गोचर कराने वाला है किन्तु छोटी यात्राएं | इनसे आपको लाभ भी हो सकता है | आस पड़ोस में अच्छे लोगों का रहना शुरू हो सकता है | राहू के नक्षत्र में आने से यह गोचर आपको सामाजिक प्रशंसा देगा साथ ही प्रमोशन भी देने की स्थिति में होगा अगर निजी कुंडली में ऐसा कुछ योग बना हुआ है तो अन्यथा सिर्फ बातें होंगी और कुछ होगा नहीं | यह गोचर आपके स्थान परिवर्तन का संकेत भी देता है अगर आप किसी ऐसी नौकरी में हैं जिसमें स्थान परिवर्तन होता रहता है तो आपको इस समय दूसरी जगह जाना पड़ सकता है | गुरु के स्वयं के नक्षत्र में आने के बाद आपके लिए जीवन में काफी सुलभता होनी है | आपके काफी कार्य आसानी से बन जायेंगे | आपका दशा अन्तर या प्रत्यंतर गुरु का होना चाहिए अथवा दशा अंतर दशा या प्रत्यंतर दशा स्वामी गुरु के नक्षत्र या उप नक्षत्र में होना चहिये | धन लाभ काफी सुधर सकता है किन्तु यह वह समय है जब आपको धन को संभाल कर रखने का विवेक भी आना चहिये |

सही रत्न रिपोर्ट लीजिये 

मिथुन: सोशल मीडिया और टी वी पर काफी लोग चिल्ला रहे हैं कि मिथुन राशि वालों का बहुत ही बढ़िया समय आने वाला है जैसे कि आज तक ऐसा कुछ हुआ ही नहीं हो लेकिन आपको ध्यान रखना है कि गुरु आपके लग्न में आते ही शुभता तो देगा लेकिन वो पहले से ही मंगल के नक्षत्र में है और मंगल आपकी लग्न में ६-११ भाव का स्वामी है और जिस समय यह गोचर होगा मंगल कर्क में होगा और फिर सिंह में जाएगा तो स्पष्ट रूप से आपके नौकरी करियर के लिए यह एक अच्छा समय होगा अगर गुरु की dba होगी अन्यथा कोई लाभ नहीं होगा और वैसे भी आगे चल कर आपको करियर धन मान का लाभ देकर गुरु राहू के नक्षत्र में जाएगा जो तब तक आपके नवम भाव में आ चुका होगा| अतः जो भी लाभ आपको मंगल के नक्षत्र में मिला था वो सब गुड गोबर होने की पूरी संभावना बनी रहेगी यह बात आपको ध्यान रखनी है | नवम भाव में स्थित राहू न सिर्फ आपकी नौकरी समाप्त करा सकता है बल्कि जीवन में अनेक विचारधारा से सम्बंधित पसोपेश आपको दे सकता है और आपका अध्यात्मिक झुकाव बदल सकता है अथवा समाप्त हो सकता है| अपने नक्षत्र पुनर्वसु में आने के बाद गुरु बलि हो जांयेंगे और आपको जीवन में अनेक शुभता देने में सक्षम होंगे अगर आपकी निजी कुंडली में ऐसा कोई योग पहले से ही उपस्थित होगा अन्यथा नहीं | यदि आप विवाह चाह रहे हैं तो विवाह और तलाक चाह रहे हैं तो तलाक भी आपको बिना अधिक लड़ाई झगडे की प्राप्त हो जाएगा | आपके काम काज में अपने आप सुधार आने लगेगा और आपको दूसरों से प्रशंसा भी सुनने को मिल सकती है | प्रमोशन भी संभव है |

आचार्य रमन से ऑनलाइन के पी ज्योतिष सीखिए 

कर्क : आपके बारहवें घर से गोचर करता हुआ गुरु उस मंगल के नक्षत्र में आकर, जो कि आपके लिए पंचम और दशम भाव का स्वामी है, आपके लिए शुभ फलों का सृजन करेगा जो कि कार्य और संतति से सम्बंधित हो सकते हैं क्योंकि मंगल कर्क से आगे जाकर कुटुंब स्थान में जाएगा और कार्यों में भी आपको अच्छा फल मिलेगा किन्तु १४ जून २०२५ से गुरु राहू के नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा और आपके लिए एक समस्या उठ सकती है क्योंकि राहू अष्टम भाव में होगा और गुरु द्वादश भाव में और येही दो भाव जन्म कुंडली के सबसे बुरे भाव घोषित किये जा चुके हैं| अतः आपको बस इतना ही करना है कि ईश्वर का सदैव स्मरण करें सत्य बोलें लोगों की सेवा करें और अहंकार मिथ्या अभिमान क्रोध से दूर रहे – जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं करें तो सब ठीक चलता रहेगा| आगे गुरु अपने ही नक्षत्र में प्रवेश करेंगे जो कि पुनर्वसु है और द्वादश भाव का फल आपको देखने को मिलेगा जो कि अनायास खर्च , विदेश यात्रा, कर्जों को वापस करना , और अस्पताल दर्शन भी हो सकता है किन्तु यह ध्यान रखिये कि कुछ भी अनिष्ट नहीं होने जा रहा जब तक कि आपकी निजी कुंडली में ऐसा कोई योग न बन रहा हो|

एक प्रश्न पूछें – संक्षेप में उत्तर पाएं 

सिंह: आपके लाभ स्थान में गोचर कर रहा गुरु मंगल के नक्षत्र में है १४ जून तक फिर राहू के नक्षत्र में चला जाएगा| ५-८ का स्वामी होकर गुरु मंगल ४-९ के स्वामी के नक्षत्र में जाएगा और आपको कुछ छोटी मोटी हानियाँ दे सकता है खर्चे बढ़ा सकता है और विदेश यात्रा के योग भी मिल सकते हैं | आपको अपने क्रोध पर और उत्तेजना पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता रहेगी | राहू के नक्षत्र में जाते ही गुरु सप्तम भाव से सम्बंधित घटनाओं को दर्शाने लगेगा और आपके विवाहित जीवन में समस्या उत्पन्न होने लगेगी क्योंकि ये राहू शनि का भी प्रतिनिधि है| अगर आपके जीवन में पहले से कोई उथल पुथल चल रही है तो आपको आने वाले समय में मानसिक रूप से तैयार रहना चहिये जिस से की जोर का झटका धीरे से लगे| व्यापारिक संबंधों में भी तनाव की स्थिति बनेगी लेकिन क्योंकि गुरु लाभ में विराजमान है धीरे धीरे सब शांत हो जाएगा और जीवन सामान्य होने लगेगा और जब गुरु अपने ही नक्षत्र में आएगा तो आपके लिए सभी कुछ सरल सा प्रतीत होने लगेगा| आपके प्रेम सम्बन्ध बन सकते हैं और विवाहेतर सम्बन्ध भी बन सकते हैं| तंत्र मंत्र रिसर्च से जुड़े लोगों के लिए यह अच्छा समय होगा अगर आपकी निजी कुंडली इसकी अनुमति दे रही होगी अन्यथा सब हवा में होकर रह जाएगा|

अपनी होने वाली संतान का सही जन्म समय चुनिये 

कन्या: अगर आपकी व्यक्तिगत जन्म कुंडली में ८-१२ की दशा चल रही है तो गुरु के मिथुन में आते ही, (गुरु की दशा अंतर प्रत्यंतर होना अनिवार्य है अथवा दशा स्वामी गुरु के नक्षत्र उप नक्षत्र में होना अनिवार्य है), आपको स्वास्थ्य को लेकर और किसी दुर्घटना को लेकर सावधान रहना होगा| इसमें डरने या किसी भी प्रकार से विचलित होने की आवश्यकता नहीं है बल्कि हलकी फुल्की सावधानी रखना मात्र ही काफी है| आप में से बहुत से लोगों को यात्रा से लाभ मित्रों से लाभ कार्य स्थल पर सम्मान प्राप्त होगा| कोई ऐसी घटना होने की संभावना दिखती है जिसमें कि पहले आपको अजीब लगे किन्तु वही आपके लिए आपदा में अवसर सिद्ध हो जाए ऐसा बहुत संभव है|  राहू के नक्षत्र में प्रवेश करते ही गुरु आपको नौकरी में परिवर्तन दे सकता है और कुछ जातकों की नौकरी कुछ समय के लिए छूट भी सकती है| पेट से सम्बंधित आम समस्याएँ कुछ उग्र रूप ले सकती हैं अतः भोजन का विशेष ध्यान आपको रखना होगा| विवाहित जीवन में भी तनाव आ सकता है और आपके घर वाहन में कुछ न कुछ रिपेयर की आवश्यकता हो सकती है| जीवन साथी से कुछ समय के लिए अलगाव की स्थिति बन सकती है अगर निजी कुंडली में ऐसा कुछ पहले से इंगित हो रहा है तो अन्यथा नहीं| अपने स्वयं के नक्षत्र में आकर गुरु आपके लिए धन वाहन स्वास्थय और सम्मान आदि सबकी व्यवस्था करेगा और आपके जीवन साथी को नौकरी मिलने की सम्भावना भी इस समय में बन सकती है|

शुक्र का आपके १२ भावों में फल पढ़िये 

तुला: मृगशिरा में गोचर करता हुआ ब्रहस्पति जब आपके नवम भाव में आएगा तो आपको काफी राहत मिल सकती है क्योंकि अष्टम भाव में उसने आपकी कुछ न कुछ परेशानी दी ही होगी अगर उसकी दशा अंतर प्रत्यंतर चल रहा होगा तो अन्यथा कोई बात ही नहीं है| आपको नौकरी बदलने के अवसर प्राप्त होंगे या सम्मान की प्राप्ति होगी और जीवन साथी की कार्य स्थिति भी अच्छी होती जायेगी| धन के नए स्तोत्र मिल सकते हैं जो कि बहुत ख़ास नहीं होंगे| जीवन साथी की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आने की संभावना है | राहू के नक्षत्र में १४ जून को जब यह गोचर होगा तब राहू आपके पंचम भाव में होगा और आपके प्रेम प्रसंग खराब होने की स्थिति बनेगी | गर्भवती स्त्रियों को विशेष ध्यान इस समय में रखना चहिये अन्यथा हानि होने की प्रबल सम्भावना बन सकती है | आपको इस समय में बहुत अधिक आमोद प्रमोद में नहीं देना चहिये और अनजान लोगों से दूरी बनाये रखनी चाहिए| किसी भी प्रकार के सट्टे जुए शेयर बाज़ार आदि से दूर रहना चहिये| अपनी धार्मिक भावनाओं को नियंत्रित रखना ही फायदेमंद होगा और नौकरी बदलने की कोई भी कोशिश नहीं करनी चहिये| गुरु जब अपने नक्षत्र पुनर्वसु में आएगा तो आपको अपने कार्य स्थल पर बहुत ध्यान से काम करना होगा अन्यथा अलविदा का समय भी आ सकता है | आपके प्रयास सार्थक परिणाम देंगे और विदेश अथवा किसी लम्बी यात्रा का प्रोग्राम भी बन सकता है जो तभी धरातल पर उतरेगा अगर आपकी निजी कुंडली में ऐसा कोई योग पहले से ही बना हुआ होगा| आपके धार्मिक क्रिया कलाप बढ़ सकते हैं और दान पुण्य आदि का भाव भी मन में आ सकता है|

संतान होने का समय 

वृश्चिक: २ और पांच भाव का स्वामी आपके अष्टम भाव में आएगा और मृगशिरा में रहेगा कुछ दिन, मंगल कर्क में है और आगे सिंह में गोचर करेगा जिस से शुरू के कुछ दिनों में आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कतें आ सकती हैं, प्रेम संबंधों में अचानक दूरी बन सकती है और आवेश की तीव्रता अत्यधिक बढ़ सकती है| आपको मूल रूप से अपने आवेग पर ही नियंत्रण रखना है| कार्य स्थल पर समस्या आएगी वाद विवाद की स्थिति बनेगी और नाम ख़राब होने की नौबत भी आ सकती है अतः शांत रहना ही एकमात्र सही उपाय है| खान पान पर नियंत्रण इस समय की मांग रहने वाली है| जब १४ जून तो गुरु राहू के नक्षत्र में जायेंगे तो राहू आपके चतुर्थ भाव में रहेगा और आपको अपने गृह सदस्यों को लेकर कुछ न कुछ चिंता दे सकता है, शिक्षा में व्यवधान आ सकते हैं, माता जी का स्वास्थय ख़राब हो सकता है और आपके मन में आपके से दूर जाने का विचार भी जन्म ले सकता है| कोई दुर्घटना होने की सम्भावना हो सकती है| आपको सबसे तालमेल बना के चलने की आवश्यकता होगी| घर अथवा वाहन में बेकार के खर्चे हो सकते हैं| आपको अपने अध्ययन पर अधिक फोकस रखना होगा| उच्च शिक्षा के प्रयास निरर्थक सिद्ध हो सकते हैं| अंत भाग में जब गुरु अपने ही नक्षत्र में होगा तब आपके स्वास्थय सम्बन्धी विशेष दुष्परिणाम दे सकता है, यह समय आपके प्रेम संबंधों के अंत का भी हो सकता है और आपकी नौकरी आदि से भी आप निवृत्त हो सकते हैं| गर्भवती स्त्रियों को दुखद समाचार मिल सकता है| निःसंतान दंपत्ति गोद लेने के प्रयास शुरू कर सकते हैं|

केतु का १२ भावों में फल पढ़िये 

धनु: गुरु आपके लग्न और चतुर्थ भाव का स्वामी होकर मंगल के नक्षत्र में होगा और मंगल अष्टम भाव में जो कि ५-१२ भावों का स्वामी है, आपके प्रेम संबंधों में खटास आना स्वाभाविक होगा – उनका अंत भी संभव है| स्वास्थ्य में अचानक कोई गिरावट आ सकती है, दांपत्य जीवन में कुछ क्लेश बढ़ने के असार होंगे| इस समय में लम्बी यात्राओं से आपको बचना चहिये अन्यथा हानि की सम्भावना है | अगर कोई कानूनी मसला चल रहा हो तो उसकी तारीख आप आगे बढ़वा लीजिये आपके लिए अच्छा रहेगा| आपके साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी होने की बहुत सम्भावना है| कोई संपत्ति लेने का विचार बना रहे हैं तो बहुत सोच समझ कर ही आगे बढें| राहू के नक्षत्र में जब गुरु आयेंगे तब आपके लिए काफी अच्छा समय हो सकता है, यात्रा बहुत होंगी, आपका आत्मविश्वास बहुत अच्छे स्तर पर होगा और आपकी निर्णय लेने की क्षमता काफी बेहतर हो जायेगी| यह एक अच्छा समय रहने वाला है | अपने ही नक्षत्र में जब गुरु आयेंगे तो आपके लिए सभी प्रकार से घटनाएं अच्छी होने लगेंगी| धन की स्थिति अच्छी हो सकती है , विवाहित जीवन में शुभता आएगी और मित्रों के साथ आपका समय बहुत अच्छा रहने वाला है|

राहू का १२ भावों में फल पढ़िये 

मकर: इस गोचर में गुरु आपके छठे घर में होंगे और मंगल के नक्षत्र मृगशिरा में होंगे| मंगल आपके सप्तम भाव में होगा और फिर अष्टम में प्रस्थान करेगा| विवाहित जीवन की कुछ समस्याओं से आपको जूझना पड़ेगा| आपके जीवन साथी का क्रोध आपको झेलना पड़ेगा और अगर आप अविवाहित हैं तो बहुत ही अच्छी बात है| मित्रों से आपको लाभ होने की अच्छी स्थिति बनेगी| आपका व्यापार अच्छा चलेगा| आपके जीवन में काफी कुछ देखने और सीखने को आपको इस गोचर में मिलने वाला है| आपको अपने क्रोध पर भी नियंत्रण रखना पड़ेगा| राहू के नक्षत्र में जाने पर गुरु आपके लिए कष्टों में वृद्धि कर सकते हैं| हर बात निर्भर आपकी निजी कुंडली पर ही करती है| धन भाव से गुरु का सम्बन्ध जुड़ने से धन हानि होने की संभावना बन जायेगी और आपके खर्च एकदम से बढ़ सकते हैं| आपको अपनी वाणी को नियंत्रित रखना होगा नहीं तो आप बिना बुलाये आफत में फंस सकते हैं | लम्बी यात्रा में आपको सावधानी रखनी होगी | परिवार के सदस्यों से मनमुटाव हो सकता है | चेहरे पर कील मुहांसे या कोई इन्फेक्शन होने की संभावना भी है| बहुत तेज मिर्च मसाला खाने से बचिए| अपने स्वयं के नक्षत्र में आने पर गुरु ३-६-१२ भावों के लिए बहुत प्रबल हो जायेंगे और आपको यात्राओं में उलझा कर रख सकते हैं| धन की स्थिति अच्छी रहेगी किन्तु खर्चा भी बना रहेगा| आप बहुत व्यस्त रह सकते हैं| अपने वजन को लेकर आपको सतर्क रहना चहिये अन्यथा आपका स्वास्थ्य आपको परेशान कर सकता है|

गुरु का १२ भावों में फल पढ़िये 

कुम्भ: २-११ भाव का स्वामी गुरु पंचम भाव में आकर लाभ को अपनी ही राशि और भाव पर द्रष्टि डालेंगे और दशमेश मंगल के नक्षत्र में स्थिति रहेंगे| आपको काफी कुछ अच्छा इन दिनों में जब तक की मंगल राहू में नहीं जा रहे तब तक होना है और नौकरी व्यापार सट्टे जुए शेयर से लाभ आदि सब मिलेगा| ज्योतिषी लोगों को फलादेश में बहुत सटीकता प्राप्त होगी| आपकी बहुत सारी यात्राएं भी होने जा रही हैं| आपको धन तो उतना नहीं मिलेगा किन्तु सामाजिक मान प्रतिष्ठा मिलने के अच्छे योग हैं| यह सब सिर्फ कुछ ही दिन की माया रहने वाली है और इसके बाद राहू के नक्षत्र में जाते ही गुरु का फल बदल जाएगा| १-२-११-५-१२ भावों का मिश्रित फल आपको मिलने लगेगा| आपको अपने खर्चों पर ध्यान देना होगा, प्रेम प्रसंगों में दिक्कतें आयेंगी| आपको अपनी सोच को नियंत्रण में रखना होगा और बुरे विचारों से दूर रहना होगा| आप एकदम से क्रोधित होंगे चिढ़ने लगेंगे और यह आपके साथ रहने वाले लोगों के लिए अच्छा नहीं है| किसी भी बात पर एकदम से नहीं बल्कि सोच विचार कर ही निर्णय लीजियेगा अन्यथा हानि के जिम्मेदार आप स्वयं होंगे| विदेश यात्रा के योग भी इस समय में बन सकते हैं| सर में दर्द की शिकायत भी कई लोगों को हो सकती है| नींद में कमी आ सकती है| मित्र बहुत मददगार सिद्ध होंगे| आप इस समय में काफी खर्चा अपने मनोरंजन पर भी करेंगे| एक divine शुभता इस समय में आप महसूस करेंगे|

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मीन: व्यापार नौकरी दोनों ही आपके लिए अच्छे रहने वाले हैं लेकिन सिर्फ १४ जून तक. आपको लाभ होगा धन आएगा मित्रों का साथ मिलेगा भाग्य भी आपके लिए ही कार्य करता हुआ दिखेगा| नए प्रेम सम्बन्ध बन सकते हैं अथवा जो रिश्ते ख़राब हो चुके हैं उनमें सुधार आ सकता है| धर्म कर्म दान पुण्य की तरफ आपका झुकाव अधिक हो सकता है| आप लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं| आपको जमीन से आय होने की भी सम्भावना है और आप नया वाहन अथवा जमीन / घर लेने का विचार भी बना सकते हैं| लेकिन जैसे ही गुरु राहू के नक्षत्र में जायेंगे तो आपकी गोचर कुंडली में १-१०-४-११-१२ भाव से सम्बंधित फल आपको मिलेंगे अगर आपकी निजी कुंडली में भी ऐसा ही कुछ चल रहा हुआ तो अन्यथा नहीं| विदेश यात्रा की सम्भावना रहेगी और अगर आपने अपने खान पान पर ध्यान नहीं दिया तो अस्पताल यात्रा भी आप कर सकते हैं| अगर आप किसी गंभीर कानूनी मसले में उलझे हैं तो जेल यात्रा की भी संभावना है अतः इस समय में तारीख आगे करवाते रहिये| जब गुरु अपने ही नक्षत्र में होंगे तो सभी प्रकार से आपको लाभ ही होता दिखेगा और आपके व्यापार में वृद्धि होगी| आपके कार्य स्थल पर भी सम्मान प्राप्ति होगी और जो लोग जमीन के कारोबार में हैं उनका कोई बड़ा सौदा इस समय में होने की सम्भावना बनेगी| राजनीति से जुड़े हुए लोगों को भी लाभ होने संभावना है और उनका कद उनके दल में बड़ा हो सकता है|

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