गुजरात विधान सभा चुनाव २०२२ ज्योतिषीय संभावनाएं
भारत चुनाव आयोग द्वारा गुजरात के विधान सभा चुनावों की घोषणा की जा चुकी है | यह १ और ५ दिसम्बर २०२२ को होंगे अर्थात जनता इस समय अपना मत डालने जायेगी और ८ दिसम्बर को मन गणना होगी और ८ को ही हम सबको पता चलेगा कि चुनावों का परिणाम क्या हुआ |
कृष्णामूर्ति पद्धति ज्योतिष वैसे तो एक बहुत ही सटीक विद्या है जिसके द्वारा किसी भी प्रश्न का उत्तर जाना जा सकता है किन्तु चुनाव आयोग द्वारा इन घटनाओं के फलादेश करने पर प्रतिबन्ध है अतः मैं सिर्फ यह जानने का प्रयास कर रहा हूँ कि जो वर्तमान सरकार है उसकी स्थिति कैसी होगी तथा विरोधी कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं और यह हार जीत का फलादेश नहीं है |
वर्ष २००९ से मैं फलादेश करता आ रहा हूँ और इन्टरनेट पर मेरे अनेक फलादेश अनेक विषयों पर पढ़े जा सकते हैं, मेरे अधिकतर फलादेश www.astrosage.com तथा www.astrovidhi.com पर उपलब्ध है और अब इस वेबसाइट पर ही मिलेंगे जो कि मेरा और श्री VGR Pavan जी जो कि एक बहुत उन्नत कृष्णामूर्ति पद्धति के साधक है , का किंचित प्रयास मात्र है |
कृष्णामूर्ति प्रश्न कुंडली के लिए एक नंबर की आवश्यकता होती है जो कि १ से २४९ के मध्य ही होना चहिये | मैंने एक पुस्तक से अंक लिया जो १६९ आया और नीचे उसकी कुंडली दी हुई है |
इस कुंडली में लग्न का अर्थात जो वर्तमान शासन है उसका उप नक्षत्र स्वामी सूर्य है | सूर्य ब्रहस्पति के नक्षत्र और उप नक्षत्र में है इसलिए हमको उप -उप नक्षत्र जो भी देखना होगा जो कि राहू है | राहू पंचम भाव में है | सूर्य लाभ भाव में और गुरु तृतीय भाव में स्थित है |
सूर्य नवम भाव का स्वामी होकर लाभ भाव में है और ब्रहस्पति १ और ४ भावों का स्वामी है | राहू मेष राशी में है और चंद्रमा के साथ युति में है |
राहू का राशी स्वामी छठे भाव में है | चंद्रमा अष्टम भाव का स्वामी है | मंगल की लग्न पर पूर्ण द्रष्टि है और मंगल पंचम और द्वादश भावों का स्वामी है किन्तु वक्री है | अतः जैसा देखने मैं लग रहा है कि शासन की स्थिति यथावत रहने वाली है वैसा पूरी तरह से नहीं प्रतीत होता किन्तु अब हमको द्वादश भाव का परीक्षण भी करना है |
गौ माता का महत्त्व ज्योतिष में
द्वादश भाव का उप नक्षत्र स्वामी शुक्र है जो सप्तम भाव से पंचम और द्वादश भावों का स्वामी है | शुक्र पंचम भाव में स्थित है | शुक्र गुरु के नक्षत्र में है जो की सप्तम से नवम में है और सप्तम तथा दशम भावों का स्वामी है | शुक्र केतु सूर्य बुध अभी युति योग में चल रहे हैं | शुक्र का उप नक्षत्र स्वामी केतु है | केतु कुंडली के लगभग सभी भावों का कारक गृह है अतः उसकी मान्यता अधिक नहीं ली जा सकती है |
गुजरात चुनाव २०२२ के बारे में आचार्य vgr pavan क्या कहते हैं
किसी भी प्रतियोगिता के लिए षष्ट भाव का बलि होना नितांत आवश्यक है | यहाँ लग्न का छठे भाव का उप नक्षत्र स्वामी स्वयं चंद्रमा है | चंद्रमा अष्टमेश है और पंचम भाव में है जो कि स्पष्ट रूप से दिकतें दर्शा रहा है | किन्तु यही चंद्रमा शुक्र के नक्षत्र में है जो कि ६-११ भावों का स्वामी है और स्वयं लाभ भाव में ही स्थित है | सप्तम भाव का उप नक्षत्र स्वामी शुक्र ही है अतः लग्न के विरोधी सप्तम और सप्तम के षष्ठ भाव की विवेचना हो चुकी है|
योगी आदित्यनाथ जी की शपथ ग्रहण कुंडली
मतदान वाले दिन चंद्रमा गुरु के नक्षत्र और शनि के उप नक्षत्र में है सुबह के समय और आगे केतु के उप नक्षत्र तक जायेगा | ५ तारीख को चंद्रमा केतु के नक्षत्र में रहेगा | केतु राहू के नक्षत्र और सूर्य के उप नक्षत्र में रहेगा | यहाँ हम देखते हैं कि लग्न अधिक बलि दिखता है १ तारीख को किन्तु ८ तारीख को लग्न का विरोधी अधिक बली दीखता है |
अतः अंततः दोनों ही पक्ष सबल दिखते हैं किन्तु फिर भी वर्तमान शासन आगे भी क्रियाशील रहने की संभावना दिखती है |
अनेक ओपिनियन पोल आ रहे हैं और आते रहेंगे किन्तु जो तथ्य गृह दर्शा रहे हैं वह आपके समक्ष प्रस्तुत हैं | वास्तविक रहस्य तो ८ तारीख की शाम तक सामने आ ही जाएगा | एक बात जो स्पष्ट है कि कुछ अप्रत्याशित होने जा रहा है |
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